आज से रबी फसल सहायता 2020 (रबी फसल बिमा 2020) में चयनित 70 हजार किसानों के खातों में राशि भेजी जाएगी। कुल 226 करोड़ राशि सरकार चयनित किसानों के खातों में भेजेगी। अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए रिपोर्ट देखें।
सरकार का सहकारिता विभाग रबी (2020-21) में हुए नुकसान में की भरपाई के लिए सोमवार से किसानों को राशि का भुगतान शुरू करेगा। पिछले खरीफ मौसम में हुए नुकसान की भरपाई के लिए फसल सहायता योजना के तहत किसानों को राशि दे दी गई। रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के पात्र किसानों के बीच कुल सहायता राशि 226 करोड़ देनी है। लगभग 218 करोड़ 40 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। फसल सहायता योजना में रबी की सहायता राशि दी जाएगी।
इस योजना के तहत खरीफ में राज्यभर के लगभग 4 लाख 63 हजार किसान पात्र थे स्थलीय जांच में इन किसानों का दावा सही निकला। लिहाजा, सहकारिता विभाग ने 4 लाख 47 हजार 70 किसानों के बीच राशि बांट दी राशि सभी किसानों के खाते में ट्रांसफर की गई है। शेष बचे किसानों का भुगतान भी एक-दो दिन में पूरा हो जाएगा। इसी बीच सहकारिता विभाग ने रबी फसल के लिए भी किसानों को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी। उम्मीद है कि सोमवार को उन किसानों को राशि उनके खाते में भेज दी जाएगी जिनके दावे की स्थलीय जांच पूरी हो चुकी है। रबी फसल सहायता की जांच में लगभग 70 हजार किसान ही पात्र पाये गये हैं। सरकार को इन किसानों के
बीच मात्र 30 करोड़ रुपये ही देना है। लिहाजा जांच और भुगतान की प्रक्रिया भी जल्द पूरी हो जाएगी।
खरीफ मौसम में 34 जिलों का चवन खरीफ मौसम में 34 जिलों का चयन इस योजना के तहत हुआ है। इन जिलों के किसानों की खेती आपदा से
प्रभावित हुई थी। उनका उत्पादन औसत से कम हुआ है। सरकार से सहायता के लिए उन जिलों के 16 लाख 30 हजार 288 किसानों ने आवेदन किया था। लेकिन चयनित जिलों के पात्र किसानों की संख्या जांच में कम हो गई। भुगतान उसी आधार पर किया जा रहा है।
लाभुकों की संख्या व राशि
30 करोड़ करना है रखी में भुगतान |
226 करोड़ सरकार देगी सहायता राशि
218.40 लाख रुपये का भुगतान हो चुका
4.63 लाख किसान खरीफ में हैं पात्र
अधिकतम दो हेक्टेयर रकबे के लिए क्षतिपूर्ति
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जगह पर अपनी फसल सहायता योजना दो साल पहले शुरू की थी। इस नई योजना में औसत से एक प्रतिशत भी कम उत्पादन होने पर किसानों को सरकार सहायता देती है। फसल की एक से 20 प्रतिशत तक क्षति हुई तो प्रति हेक्टेयर साढ़े सात हजार रुपये की सहायता किसानों को दी जाती है। क्षति 20 प्रतिशत से अधिक हो गई तो सहायता अनुदान की राशि दस हजार रुपये प्रति हेक्टेयर होती है। किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर रकबे के लिए क्षतिपूर्ति की जाती है।
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