TokyoOlympics2021में बिहार सीवान का युवा🥇

#TokyoOlympics2021
में सीवान का युवा🥇

कौन जानता था की ओ #टुटा हुवा #हॉकी से छुप छुप कर खेलने वाला #सिवान का #युवा व अपने पिता से इस खेल को न खेलने के लिए अक्सर #थप्पड़ खाना एक दिन उसे #tokyo_Olympic में पहुँचा देगा......?
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जी हां नमस्कार🙏 आज हम जिस एक सीवान के #युवा के बारे में आपसे बात करेंगे यकीन मानिए आप उनके बारे में जानकर आश्चर्य करेंगे और गर्व भी होगा।।
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नाम- विवेक सागर प्रसाद ( भारतीय फारवर्ड #हॉकी खिलाड़ी)
पिता- रोहित प्रसाद
माता- श्रीमती कमला देवी
दादा- रामचन्द्र भगत
ग्राम - कन्हौली
थाना-हसनपुरा
अंचल - रघुनाथपुर
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आपको बता दे कि भारतीय हॉकी टीम के प्रमुख खिलाड़ियो में से एक #विवेक_सागर जी अपने ही सीवान जिले के रहने वाले है #विवेक के माता पिता विवेक के 17 साल के उम्र तक #सीवान में ही रहे थे उसके बाद उनके पिता जी #नौकरी के तलाश में #मध्यप्रदेश आ गये और वही पर पूरे परिवार के साथ रहने लगे।।
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आइये अब विवेक के संघर्षों के बारे में जान लेते है जो इस प्रकार है👇
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भारतीय हॉकी टीम ने 
#खेलों_के_महाकुंभ  
( #Tokyo_Olympics ) में अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बना ली है और आज सुबह 6:00 बजे #भारत_और_ऑस्ट्रेलिया के बीच #सेमीफाइनल मैच खेलनी है ।इस मैच में युवा फॉरवर्ड खिलाड़ी #विवेक_सागर जी ने अपने शानदार खेल से सबका ध्यान खींचा है हॉकी के महान खिलाड़ी #मेजर_ध्यानचंद के बेटे #अशोक_कुमार की खोज विवेक के खेल से कई महान खिलाड़ी काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं 
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👉हालांकि विवेक का जीवन काफी ज्यादा संघर्ष में गुजरा है विवेक के पिता को उनका हॉकी खेलना पसंद नहीं था कई बार इसी वजह से विवेक की घर में पिटाई भी हुई है। हालांकि उनकी मां और बड़े भाई ने विवेक का पूरा समर्थन किया कई बार जब विवेक हॉकी खेलने जाता था  तो उनकी मां झूठ बोल देती थी  लेकिन जब विवेक बड़े स्तर पर खेलने लगे तो उनके पिता भी उनका समर्थन करने लगे थे 
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बता दें कि विवेक ने जब खेलना शुरू किया था तब उनके घर के आर्थिक हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे इस वजह से उन्होंने अपने दोस्तों से हॉकी मांगकर इस खेल को खेलना शुरू किया था इस दौरान उनके दोस्तों ने उन्हें हॉकी स्टिक दी थी।

👉एक बार विवेक अकोला में हुए एक #टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचे थे इस दौरान 
#अशोक_ध्यानचंद की नजर उन पर पड़ी उनकी दौड़ने की तकनीक और पैरों के गजब तालमेल को देखकर अशोक कुमार भी उनसे प्रभावित हुए और उन्हें #एमपी_एकेडमी जॉइन करने का #ऑफर_दिया जिसे विवेक ने स्वीकार कर लिया और भोपाल आ गए।

👉कहते हैं कि सोना आग में तपकर ही कुंदन बनता है कुछ ऐसा ही विवेक के साथ हुआ है  एक मैच के दौरान उन्हें चोट लग गई थी इस चोट की वजह से खराब खून उनके फेफड़ों तक पहुंच गया था जिस वजह से उनकी जान पर भी बन आई थी

👉लेकिन हौसले और जुनून के आगे हर दिक्कत हार मान लेती है  इस चोट से उभरने के बाद विवेक एक बार फिर से मैदान में आए  इस दौरान उन्होंने सिर्फ एक हाथ से ही अभ्यास शुरू कर दिया . जुनून और जिद्द ने इस सोने को इंडिया हॉकी टीम में खेलने की आग में इन्होंने खुद को ऐसा जलाया कि ये अब कुंदन बन कर सबका ध्यान खींच रहे है और आज भारतीय हॉकी टीम के मुख्य खिलाड़ियों में से एक है।
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इन सब के अलावा 
#विवेक_सागर जी और भी कई सारे मैच खेल चुके जैसे - #Asian_game 
#champion_trophy #summer_youth_olympic  इत्यादि...?
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हमारे सीवान के युवाओं को भी #विवेक_सागर जी से काफी कुछ सीखना चाहिए उन्हें भी कुछ हटकर कार्य करना चाहिए जिससे हमारे जिले के साथ साथ बिहार सहित भारत का भी नाम इंटरनेशनल स्तर पर खूब रौशन हो सके। 

आपकी इस उपलब्धि ने पूरे भारत को गौरवान्वित किया है आपके इस उपलब्धि के लिए सिवान सिवान की खुशबू पूरे टीम के तरफ से बहुत बहुत बधाई व ढेर सारी शुभकामनाएं🌹🌹

India ki awajआपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है...

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